Wednesday, December 19, 2018

संभव-असम्भव


जब उसे पता चला
प्रेम कविताएँ लिखता हूँ मैं
उसनें बातें कम कर दी

जब उसको बताया मैंने
एक कहानी लिख रहा हूँ मैं
उसने सुनाए अपने यात्रा वृत्तांत

मैं कहने ही वाला था
कि तुमसे प्रेम करता हूँ मैं
उसने मुझे कहा
अलविदा

प्रेम की स्मृति का
यह सबसे ताजा शब्द था मेरे जीवन का

जो आता रहा याद
हर प्रेम कविता में.
**
क्या ऐसा संभव था
कि हाथों में लेकर हाथ
कहा जा सकता
मुझे तुम्हारी सदा जरूरत है

क्या ऐसा संभव था
कि आँखों में आखें मिलाकर
कहा जा सकता
हमेशा के लिए
जा रहा है कोई

तुमनें जब पूछा
क्या ऐसा संभव है...?

मैंने दो जवाब दिए एक साथ

प्रेम में हर संभव के आगे असंभव था
और हर असंभव के आगे संभव.  

© डॉ. अजित

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