Tuesday, February 23, 2010

अलविदा

बहुत दिनो से मैंने
अपना फोन को स्विच आफ नही किया
इस डर से कंही उसी वक्त तुम मुझे फोन करके
यह बताना चाह रही हो कि
मै अब उतना ही आउटडेटड हूं
तुम्हारे जीवन मे
जितना कि
तुम्हारे कम्पयूटर का कभी न डिलीट होने वाला
एंटी वायरस
हर एसएमएस पर चौकना अभी तक जारी है
इस उम्मीद पे कि तुम मेरी घटिया शायरी और
फारवर्ड किए गये संदेशो पर आदतन
वाह-वाह के दो शब्द भेज रही होगी
दवा के माफिक
बहुत दिनो से मुझे एक आदत और
हो गयी है मै बिना बात ही लोगो से बातचीत मे
तुम्हारा जिक्र ले आता हूं
चाहे बात वफा की हो या बेवफाई की
सुनो ! मैने अभी-अभी सोचा है कि मैं
अपना सिम बदल लूं
ताकि जब कभी हम मिले तो
तुमसे औपचारिक रुप से
यह सुन सकूं कि
बिना बताए नम्बर क्यों बदल लिया
तुम्हे बिना बताए किए जाने वाले
कामों की एक लम्बी लिस्ट है
मेरे पास
और तुम्हारे पास इतना भी वक्त नही
कि मुझसे बोल के जा सको
अलविदा....

डॉ.अजीत

6 comments:

  1. "बहुत दिनो से मुझे एक आदत और
    हो गयी है मै बिना बात ही लोगो से बातचीत मे
    तुम्हारा जिक्र ले आता हूं......"

    अच्छा लगा !

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  2. बहुत दिनो से मैंने
    अपना फोन को स्विच आफ नही किया
    इस डर से कंही उसी वक्त तुम मुझे फोन करके
    यह बताना चाह रही हो कि
    मै अब उतना ही आउटडेटड हूं
    sir albida ka koi jabab nahi hai.

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  3. बहुत दिनो से मैंने
    अपना फोन को स्विच आफ नही किया
    इस डर से कंही उसी वक्त तुम मुझे फोन करके
    यह बताना चाह रही हो कि
    मै अब उतना ही आउटडेटड हूं.......
    sir albida ka koi jabab nahi hai.

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