आखिरी सलाह
बता कर उसने मुझसे
जो बात कही
उसे तर्क के आधार पर तो खारिज़ नही
किया जा सकता है
लेकिन यदि इतना बुद्दिवादी मन
पहले से होता तो मै सलाह ले
नही दे रहा होता
क्योंकि विकल्पो का रोजगार
करना कोई बडी बात नही है
सलाह के कारोबार मे कोई बुराई भी नही है
अपनेपन मे ही ये सब होता है
लेकिन आखिरी मान कर दी गई सलाह
नसीहत का भी मिला-जुला काम
करती है
उसने जो भी कहा
मै उसे अगर मान भी लूं
तब भी सलाह की जरुरत मेरी जिन्दगी
से कम होनी वाली नही है
दरअसल यह एक लत की जैसी है
एक बार लग जाए तो
फिर किसी भी निर्णय की
बिना सार्वजनिक/व्यक्तिगत पुष्टि
किए मन अनमना सा ही रहता है
शायद मेरी इसी आदत से
परेशान होकर उसने जबरन
अंग्रेजी भाषा का प्रयोग किया
और आक्रमक होकर कहा-
इट्स माई लास्ट एडवाइस
मै एक मिनट तक यही सोचता रहा कि
क्या एडवाइस भी लास्ट हो सकती है
दिल ने कहा नही
दिमाग ने कहा जरुरत क्या है किसी की एडवाइस की
ज्ञान बघारते वक्त नही सोचा जाता
कि सलाह का लेन-देन
कितना जोखिम भरा काम है
किसी को समझना और उसको
ठीक-ठीक वही बता देना जो वह कभी नही
सुनना चाहता
और खुश हो जाना अपनी वाकपटुता पर
ऐसी बहुत से सलाहें मेरे पास आज भी
सुरक्षित रखी है जो शायद मेरा
जीवन ही बदल देती
मै वो न होता जो आज हूं
नही लिख रहा होता कविता
न ही बात बेबात पर किसी से नाराज़ हो जाता
एक सधी मुस्कान और
औपचारिकता की चासनी मे लिपटे शब्द होते मेरे पास
और सबसे बडी चीज़ उपलब्धि होती
जिसकी ठसक पर मै
लोगो को मजबूर कर सकता था अपनी
घटिया से घटिया बात पर
स्तुति गान करने के लिए
और शायद सहमति मे उठे हाथों
की एक लम्बी फेहरिस्त होती मेरे पास
ऐसी सलाहें मैने अभी तक इसलिए
बचाए रखी कि
क्या पता कब जरुरत पड जाए
बुरे वक्त मे
और आज जब मैने लास्ट एडवाइस ली
तब मुझे लगा कि
अगर मैने मान ली होती उसकी कुछ पुरानी सलाहें
तो मै भी अपनी आधी-अधुरी अंग्रेजी
और पूरी बेशर्मी के साथ कह पाता
इट्स माई लास्ट एडवाइस
कैन यू बिलिव ओन इट?