Tuesday, September 9, 2014

जन्मदिन

जन्म दिन पर...

बत्तीस पार: मै सवार
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एक यात्रा शुरू होती है
दूसरी खत्म
सफर में रहना
मनुष्य होने का दुःख है
जिस सुख समझा जा सकता है।

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त्वचा और कोशिका की आयु से
उम्र का सही अंदाजा लग सकता है
ऐसा विज्ञान कहता है
उम्र का अंदाजा प्रयोगशाला से नही
एक छोटी सी बात से लग जाता है
अगर आप समझना चाहें तो।
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उम्र का बढ़ना
अनुभव का बढ़ना नही होता
अनुभव बढ़ाने के लिए
उम्र को घटाना पड़ता है
खुद से।
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तीस और चालीस के मध्य
झूलता हूँ ऐसे
जैसे झूलते है
सूरज चाँद के मध्य
अनगिनत तारें।
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जन्म का कोई एक दिन
कैसे हो सकता है
जन्म भी मृत्यु जितना
अनिश्चित होता है
विचित्र संयोगो से भरा।
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जन्म पर उल्लास
मृत्यु पर अवसाद
मनुष्य को बहाने चाहिए
मनुष्य बनें रहने के।
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यदि उम्र का निर्धारण
जन्म से नही यात्रा से होता
फिर उम्र न पूछी जाती
हर कोई दिखता
अपनी भौतिक उम्र से
छोटा-बड़ा।
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हम उम्र कोई नही होता
लोग या तो बड़े होते है
या फिर छोटे
दोस्ती हम उम्र दिखने का
सबसे बड़ा भ्रम है।
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जन्म को देखा नही जाता आते हुए
मृत्यु को देख सकते है
इसलिए
मृत्यु खूबसूरत
हो सकती है।
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जन्मदिन पर जुड़ जाते है
शुभकामनाओं के बादल
बरस जाते तो
भीग सकता था
मै दिगम्बर।

© अजीत

1 comment:

  1. जन्मदिन पर शुभकामनाऐं :)
    सुंदर बहुत सुंदर रचनाऐं ।

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