Thursday, March 19, 2015

हवा

हवा मुझसे कहती है
तुम्हारे कान गर्म है
और माथा ठंडा
मैं हवा की तरफ
पीठ कर देता हूँ
हवा कुछ नही कहती
इसका मतलब यह निकलता हूँ मैं कि
पलायन का तापमान
हवा भी नही जानना चाहती
वो उड़ जाती है
किसी दुसरे माथे और कान का
हालचाल जानने के लिए
एक मौसम वैज्ञानिक ने बताया
जो कभी मन का भी वैज्ञानिक रहा था
मेरी पीठ दक्षिण का पठार है
जहां गलती से हवा आ भी जाए तो
लू में तब्दील हो जाती है।

© डॉ. अजीत

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