Saturday, January 16, 2016

बचना

कल कुछ लोग
इस बात पर हैरान होंगे कि
मैं एक कवि बन सकता था
मगर नही बन सका
मैं एक लोकप्रिय लेखक हो सकता था
मगर नही हो सका
मैं किसी विश्वविद्यालय में प्रोफेसर से लेकर कुलपति तक बन सकता था
मगर नही बन सका
मैं एक अच्छा वक्ता बन सकता था
मगर नही बना
सड़क से लेकर संसद तक का सफर तय कर सकता था
मगर नही चला एक भी कोस
रसूखों के जरिए लोक सेवा आयोग से लेकर
अन्य उच्च आयोगों का सदस्य बन सकता था
मगर नही बन सका
कुछ लोग इस बात पर खीझ रहे होंगे
मुझे न खुद की
उपयोगिता का पता था
न अपने आसपास के सम्पर्को की
मनुष्य को उपयोग करने की दृष्टि से
मेरा नाम सबसे नीचे लिखा जाएगा
आत्ममुग्धता और प्रंशसा की खुराक पर जिन्दा रहने वाले मनुष्यों की एक कोटि
मुझे देख नृविज्ञानी तय करेंगे
जिसे पढ़ाया जाएगा एक खतरे के तौर पर
विभिन्न विश्वविद्यालयों में
लोगबाग नसीहत की शक्ल में सौपेंगे
मेरे किस्से अपने बच्चों और मित्रों को
और कहेंगे
हमेशा बचना ऐसे शख्स से
जो बहुत कुछ कर सकता हो
मगर कुछ नही कर पाया हो
ये बड़ी सच बात है
खुद को सही सलामत बचाए रखने के लिए
बहुत जरूरी होगा
मुझसे बचना
अगर कोई बच पाया तो।

© डॉ.अजित

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