Friday, November 4, 2016

पता

जीसस के पैर में कांटा चुभ गया है
खून रिस रहा है
धरती पर लाल निशान बने है

जीसस के पदचिन्ह खून में दिख नही रहे है
दुनिया खून का पीछा करते हुए
स्वर्ग का पता नही जान पा रही है

जीसस पानी पर नही चलना चाहते
पानी उम्मीद की शक्ल में मौजूद है
अगर पानी लाल हो गया
पसीने से लथपथ लोगो को
नही नजर आएगा खुद का चेहरा

जीसस का खून बह रहा है
सलीब से मनुष्य ने हल बना लिया है
वो धरती को जोत रहा है
वो धरती को बंजर कर रहा है

जीसस रो नही सकते
उनके आंसू खून के स्रोत से जुड़े है
वो धरती पर घूम रहे है
उन्हें देख मनुष्य उपचार के बारे में नही
हथियार के बारे में सोचता है

जीसस उदास नही है
मनुष्य खुश नही है
खून अब तरल नही है

जीसस का पैर जब तक ठीक होगा
पूरी खत्म हो चुकी होगी लगभग
एक आहत सभ्यता।

©डॉ.अजित

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