उसने कहा एकदिन
तुम तो औसत से भी कमतर निकले
मैं तुम्हें बेहतर समझ रही थी
मैंने पूछा
ये बात गुस्से में कह रही हो या सच में
उसने कहा
जैसा तुम समझो तुम्हारी मर्जी
मैंने कहा कमतर को
इतनी छूट देने के लिए शुक्रिया
तुम बेहतर हो अब इस पर
कोई संदेह नही है मुझे।
***
मैंने कहा एकदिन
देखना आंख में कुछ चला गया है
उसने कहा मुझे दिखाई न देगा
मैंने कहा क्यों?
इसलिए क्योंकि मैं ज्यादा
नजदीक हूँ तुम्हारे।
***
हमारी अधिकतर लड़ाईयां
बेवजह की थी
मसलन एकदिन उसने पूछा मुझे
प्यार आदमी की जरूरत है या
आदमी को जरूरत से प्यार करना पड़ता है?
मैंने कहा एक ही बात तो हुई
इस पर वो बिगड़ गई और कहा
तुम हमेशा सवालों से बचते हो
मैंने कहा हां !
मै सवालों से नही जवाबों से बचता हूँ।
***
परसों उसने पूछा
मेरे बिन रह सकोगे तुम
मैंने कहा शायद
उसने मुस्कुराते हुए कहा
अच्छी बात है
इस शायद को कभी मत छोड़ना
चाहे मैं रहूँ या न रहूँ।
©डॉ. अजित
तुम तो औसत से भी कमतर निकले
मैं तुम्हें बेहतर समझ रही थी
मैंने पूछा
ये बात गुस्से में कह रही हो या सच में
उसने कहा
जैसा तुम समझो तुम्हारी मर्जी
मैंने कहा कमतर को
इतनी छूट देने के लिए शुक्रिया
तुम बेहतर हो अब इस पर
कोई संदेह नही है मुझे।
***
मैंने कहा एकदिन
देखना आंख में कुछ चला गया है
उसने कहा मुझे दिखाई न देगा
मैंने कहा क्यों?
इसलिए क्योंकि मैं ज्यादा
नजदीक हूँ तुम्हारे।
***
हमारी अधिकतर लड़ाईयां
बेवजह की थी
मसलन एकदिन उसने पूछा मुझे
प्यार आदमी की जरूरत है या
आदमी को जरूरत से प्यार करना पड़ता है?
मैंने कहा एक ही बात तो हुई
इस पर वो बिगड़ गई और कहा
तुम हमेशा सवालों से बचते हो
मैंने कहा हां !
मै सवालों से नही जवाबों से बचता हूँ।
***
परसों उसने पूछा
मेरे बिन रह सकोगे तुम
मैंने कहा शायद
उसने मुस्कुराते हुए कहा
अच्छी बात है
इस शायद को कभी मत छोड़ना
चाहे मैं रहूँ या न रहूँ।
©डॉ. अजित
अच्छी है ।
ReplyDelete