ये बातचीत को अन्यथा
लिए जाने का दौर है
आप कहे पूरब
और कोई समझ ले
इसको निर्वासन की दशा
आप कहे मेरा वो मतलब नही था दरअसल
और तब तक मतलब निकल चुका हो हाथ से
इसलिए
बातचीत करते हुए लगता है डर
और बोल जाता हूँ कुछ ऐसा भी
जिसका ठीक ठीक मतलब नही पता होता
मुझे भी।
©डॉ. अजित
लिए जाने का दौर है
आप कहे पूरब
और कोई समझ ले
इसको निर्वासन की दशा
आप कहे मेरा वो मतलब नही था दरअसल
और तब तक मतलब निकल चुका हो हाथ से
इसलिए
बातचीत करते हुए लगता है डर
और बोल जाता हूँ कुछ ऐसा भी
जिसका ठीक ठीक मतलब नही पता होता
मुझे भी।
©डॉ. अजित
सुन्दर्।
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