तुम बदल गई !
ये एक बेहद लोकप्रिय कथन होगा
इसके माध्यम से नही हो पाएगी
सम्प्रेषित मेरी कोई निजी बात
मैं हर उस बात से बचना चाहता हूँ
जो पहले कई कई बार कही का चुकी
जो बन गई हो एक जुमला
और खो गई हो अपना अर्थ
तुम बदल गई
तुम बेवफा हो
मुझे सख्त नफरत है
इन दोनों कथनों से
ना तुम बदली हो
ना तुम बेवफा हो
बावजूद इसके तुम क्या हो गई हो
बताने के लिए नही है मेरे पास शब्द
मैं अंदर से इस कदर रीत गया हूँ
कि मेरी आह लौट आती है
अंदर से ही अंदर की तरफ
तुम अब चित्र में नही हो
मगर मैं एक मानचित्र पर भरोसा किए बैठा हूँ
जिसके सहारे हमे मिलना था
कभी समन्दर किनारे
कभी पहाड़ पर
तो कभी निर्जन रेगिस्तान में
मैं कोई वादे याद नही दिला रहा हूँ
मैं बस देख रहा हूँ अवाक
सीमेंट की तरह दीवार का साथ छोड़ना
सीलन की तरह दीवार का साथ निभाना
शायद
मैं ही बदल गया हूँ
तभी तो नही देख पा रहा हूँ
तुम्हें इर्द-गिर्द
यदि मैं नही बदला होता तो
तुम्हें मैं देख लेता
अनुपस्थित में भी उपस्थित
अब जब नही देख पा रहा हूँ
लगता है शायद वक्त बदल गया है
मैं आवाज़ दे रहा हूँ अतीत से
जो सीधी जाती है भविष्य की तरफ
जिसे सुन समझ आ गया है इतना
हमारे मध्य का वर्तमान बदल गया है।
©डॉ. अजित
ये एक बेहद लोकप्रिय कथन होगा
इसके माध्यम से नही हो पाएगी
सम्प्रेषित मेरी कोई निजी बात
मैं हर उस बात से बचना चाहता हूँ
जो पहले कई कई बार कही का चुकी
जो बन गई हो एक जुमला
और खो गई हो अपना अर्थ
तुम बदल गई
तुम बेवफा हो
मुझे सख्त नफरत है
इन दोनों कथनों से
ना तुम बदली हो
ना तुम बेवफा हो
बावजूद इसके तुम क्या हो गई हो
बताने के लिए नही है मेरे पास शब्द
मैं अंदर से इस कदर रीत गया हूँ
कि मेरी आह लौट आती है
अंदर से ही अंदर की तरफ
तुम अब चित्र में नही हो
मगर मैं एक मानचित्र पर भरोसा किए बैठा हूँ
जिसके सहारे हमे मिलना था
कभी समन्दर किनारे
कभी पहाड़ पर
तो कभी निर्जन रेगिस्तान में
मैं कोई वादे याद नही दिला रहा हूँ
मैं बस देख रहा हूँ अवाक
सीमेंट की तरह दीवार का साथ छोड़ना
सीलन की तरह दीवार का साथ निभाना
शायद
मैं ही बदल गया हूँ
तभी तो नही देख पा रहा हूँ
तुम्हें इर्द-गिर्द
यदि मैं नही बदला होता तो
तुम्हें मैं देख लेता
अनुपस्थित में भी उपस्थित
अब जब नही देख पा रहा हूँ
लगता है शायद वक्त बदल गया है
मैं आवाज़ दे रहा हूँ अतीत से
जो सीधी जाती है भविष्य की तरफ
जिसे सुन समझ आ गया है इतना
हमारे मध्य का वर्तमान बदल गया है।
©डॉ. अजित
सुन्दर।
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