जिन तस्वीरों में
मैं सुंदर दिखा हूँ
वे अधिकांश
उसके द्वारा खींची गई तस्वीरे थी
ऐसा नहीं है कि
मेरी सभी तस्वीरे अच्छी थी
मगर जिन तस्वीरों में
मेरी मुस्कान कृत्रिम नहीं दिखती
वो सब उसके सामने खड़े होने का कमाल था
वो फ़ोटो अच्छे क्लिक करती थी
शायद उसके पास
खूबसूरत दृष्टि थी
वो बड़ी सावधानी से चुनती फोटो का एंगल
यदि मैं ले पाता एक
तो उसके द्वारा मुझे एंगल समझाते हुए की
जरूर लेता एक फोटो
उसके द्वारा खींचे गए हर फोटो पर
एक कहानी लिखी जा सकती है
मगर मैं केवल लिख सका
कुछ कविताएं
इनदिनों जब मैं कविताएं
लिखना भूल गया हूँ
तो मैं खुद की उन तस्वीरों को देखकर
याद करता हूँ पीछे छूटी हुई कहानियां
मुझे ऐसा करते हुए को
यदि कोई कर ले कैमरे में कैद
उस फोटो को देखकर
वो आदतन कहेगी
'तुम्हारा चेहरा फोटोजेनिक है
इसलिए अच्छी आ जाती है तस्वीर'
मैं इस जवाब पर मुस्कुरा रहा हूँ
और लिख रहा हूँ
एक नई कविता
जो कहानी की तरह पढ़ी जाएगी।
©डॉ. अजित