Saturday, August 30, 2014

अदाकारी

इश्क की पहरेदारी हमसे न होगी
मुहब्बत में अदाकरी तुमसे न होगी

ये ताल्लुक है कि बोझ है वफा का
हर वक्त ये तरफदारी हमसे न होगी

हंस सकता हूँ खुद की कमजोरी पर
देख लो ये कलाकारी तुमसे न होगी

गुजारिश पर लिखना छोड़ दिया हमनें
दरबार की ये फनकारी हमसे न होगी

इश्क में अक्ल बहुत लगाते हो तुम
मेरी रूह की सवारी तुमसे न होगी


© अजीत





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