गम जब्त करता हूँ बताने नही जाता
बीमार कितना हूँ दवाखाने नही जाता
लोबान जब से खतम हुआ इल्म का
दर पर मैं अलख जगाने नही जाता
सादामिजाज़ी का यहाँ मतलब खाली है
मशरूफ हूँ कितना ये बताने नही जाता
मगरूर जमाने की हकीकत जानी जबसे
शराबी को कभी मै समझाने नही जाता
कुछ दोस्त मुझसे यूं भी खफा है
मुसीबत में उन्हें बुलाने नही जाता
© अजीत
बीमार कितना हूँ दवाखाने नही जाता
लोबान जब से खतम हुआ इल्म का
दर पर मैं अलख जगाने नही जाता
सादामिजाज़ी का यहाँ मतलब खाली है
मशरूफ हूँ कितना ये बताने नही जाता
मगरूर जमाने की हकीकत जानी जबसे
शराबी को कभी मै समझाने नही जाता
कुछ दोस्त मुझसे यूं भी खफा है
मुसीबत में उन्हें बुलाने नही जाता
© अजीत
वाह ।
ReplyDelete