Friday, July 24, 2015

विदा

हमेशा विदा को
अलविदा से बचाता रहा
दरअसल
अलविदा एक बढ़िया सुविधा है
एक युक्तियुक्त पलायन
विदा एक जिम्मेदारी है
एक कल्पना है
एक बेहतर कल की
विदा बचाती है उम्मीद
लौट आने की
बिना किसी अपराधबोध के
अलविदा कहना मुश्किल जरूर होता है
मगर विदा को देखना
उससे भी ज्यादा मुश्किल काम है
मैनें जीवन में अक्सर चुनी थी विदा
जो दुर्भाग्य से बन गई अलविदा
उदासी की कुछ पुख्ता वजहों में से एक है
विदा का अलविदा में बदल जाना।

© डॉ.अजित 

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