Friday, December 28, 2018

उपयुक्त नही

वो एक खराब प्रेमी था
मगर कवि अच्छा था
वो एक औसत दोस्त था
मगर दोस्तों को लेकर
सबसे ज्यादा शिकायतें उसके पास थी

लोग उससे प्रेम करते थे
और दोस्त उससे रश्क

वो न प्रेम के लिए बना था
न दोस्ती के लिए

हिन्दी का एक जटिल शब्द है
उपयुक्त
जिसका भावार्थ हमेशा रहा है
शब्दार्थ से भिन्न

वो इस शब्द का सच्चा
किरदार था
जिसके बाद में सुंदर लेख में लिखा था
'नही'

इसलिए उसे जल्द भूल गई प्रेमिकाएं
माफ किया दोस्तों ने
मदद की हमेशा उम्मीद से बढ़कर

जो नही भूल पाए उसे
और जो नही कर पाए माफ
वो करते थे उसका जिक्र
अलग-अलग अवसरों पर
एक अलग सन्दर्भ के साथ

उसकी कविता और बात
दोनों ही जोड़ लेती है
कुछ अपिरिचित लोगों को एकसाथ

उसे कोई नही कहता था
खराब प्रेमी
या कमजोर दोस्त

सबकी बातों का
एक ही निकलता था सारांश
'उपयुक्त नही'

©डॉ. अजित

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