तुमने बना लिए
अपने सूरज चांद
हवा और बादल
मगर नही बना पाई
अपना आसमान
ये बात जब
आसमान ने बताई मुझे
मैं देखता रहा धरती की तरफ
आसमान को उम्मीद थी
मैं बताऊंगा तुम्हें
अपना आसमान बनाने का
गुप्त कौशल
मैंने जब कहा
भूल गया हूँ मैं
समानान्तर प्रकृति रचने के सभी सूत्र
धरती ने देखा आसमान की तरफ
और मुझे किया घोषित
धरती-आसमान के मध्य फंसा
सबसे निर्धन प्राणी।
©डॉ. अजित
अपने सूरज चांद
हवा और बादल
मगर नही बना पाई
अपना आसमान
ये बात जब
आसमान ने बताई मुझे
मैं देखता रहा धरती की तरफ
आसमान को उम्मीद थी
मैं बताऊंगा तुम्हें
अपना आसमान बनाने का
गुप्त कौशल
मैंने जब कहा
भूल गया हूँ मैं
समानान्तर प्रकृति रचने के सभी सूत्र
धरती ने देखा आसमान की तरफ
और मुझे किया घोषित
धरती-आसमान के मध्य फंसा
सबसे निर्धन प्राणी।
©डॉ. अजित
वाह
ReplyDeleteबहुत बढ़िया
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