अचानक हो जाना
किसी का गंभीर
जीवन से
खो जाना कौतुहल का
परिपक्वता की निशानी
नही होता है हर बार
सम्भव है खो गई हो उसकी
दराज़ की चाबी
घिसी हुई चप्पल
या कोई पुरानी शर्ट
गम्भीरता डराती भी है कई बार
जैसे इसका सहारा लेकर
कोई करेगा अपनी अंतिम घोषणा
और बदल लेगा मार्ग
हर बार गंभीर होने का अर्थ
समझदार होना नही होता है
गंभीरता में आदमी भूल सकता है
बढ़े हुए बाल नाखून और दाढ़ी
भूल सकता है
प्रेम और प्रेम के वादें
बड़ी सहजता के साथ
कभी कभी हंसते हंसते अचानक से
बिना निमंत्रण के आई गम्भीरता
बताती है कोई चीज जरूर है
जिसे लगातार आपत्ति होती है
हमारी उन्मुक्त हंसी पर
इसलिए गम्भीरता लगनें लगती है
आपत्ति से मिलती जुलती कोई चीज़
ये खुद से आपत्ति है या दूसरे से
इसका अंदाज़ा
गम्भीरता से लगाया जा सकता तो
कुछ लोग
पहले से अधिक या कम
गम्भीर होते आज।
© डॉ. अजीत
किसी का गंभीर
जीवन से
खो जाना कौतुहल का
परिपक्वता की निशानी
नही होता है हर बार
सम्भव है खो गई हो उसकी
दराज़ की चाबी
घिसी हुई चप्पल
या कोई पुरानी शर्ट
गम्भीरता डराती भी है कई बार
जैसे इसका सहारा लेकर
कोई करेगा अपनी अंतिम घोषणा
और बदल लेगा मार्ग
हर बार गंभीर होने का अर्थ
समझदार होना नही होता है
गंभीरता में आदमी भूल सकता है
बढ़े हुए बाल नाखून और दाढ़ी
भूल सकता है
प्रेम और प्रेम के वादें
बड़ी सहजता के साथ
कभी कभी हंसते हंसते अचानक से
बिना निमंत्रण के आई गम्भीरता
बताती है कोई चीज जरूर है
जिसे लगातार आपत्ति होती है
हमारी उन्मुक्त हंसी पर
इसलिए गम्भीरता लगनें लगती है
आपत्ति से मिलती जुलती कोई चीज़
ये खुद से आपत्ति है या दूसरे से
इसका अंदाज़ा
गम्भीरता से लगाया जा सकता तो
कुछ लोग
पहले से अधिक या कम
गम्भीर होते आज।
© डॉ. अजीत
awesome
ReplyDeleteगंभीरता के जाने कितने मायने!!
ReplyDeleteनितांत अकेले में आपको पढना अच्छा लगेगा ..बधाई !
ReplyDeleteNice
ReplyDelete👏
ReplyDeleteबहुत खूब
ReplyDeleteबहुत ही सुन्दर डा साहब ।
ReplyDeleteगंभीर होना और लगना अलग बाते हैं।
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