Friday, June 17, 2016

प्यार

प्यार शहतूत था
जहां गिरता मिठास बो देता था
प्यार कुछ कुछ हिस्सों में प्रलय जैसा था
सब कुछ खतम की उम्मीद में भी
छोड़ जाता था कुछ वीरान टीले
प्यार एक मुकम्मल सफर था
दो साथ चले लोगो को उतरना था
अलग अलग मंजिलो पर
प्यार मुमकिन करता था
रात में इंद्रधनुष देखना
और दिन में चांद
प्यार में यार के माथे पर
एक अधूरा लफ्ज़ टँगा था
इसलिए अधूरेपन से प्यार को भी था प्यार
प्यार बताता था फर्क करना
ख्वाब और हकीकत में
प्यार मदद करता था
बेहतर इंसान होने में
प्यार की बस एक ही अच्छी बात थी
इसके सहारे मुस्कुराया जा सकता था
चरम अवसाद के बीच
प्यार की बस एक ही खराब बात थी
ये बिन बताए आता
और जाता था हमें
ठीक ठाक ढंग से बताकर।


©डॉ.अजित

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