Sunday, June 19, 2016

वजह

कारण चाहे जो भी रहे हो
जो बच्चें लौकिक रूप से
सफल न हो पाए
नही दे पाए अपने पिता को
गर्व की एक भी वजह
बल्कि सुननी पड़ी हो
नसीहतें जिनके कारण
होना पड़ा हो शर्मिंदा पिता को गाहे बगाहे

माँ जिनके कारण
कोसती रही हो अपनी ही कोख को
कहती रही वो ऐसे सपूती से तो वो नपूती भली थी

भाई जिनके कारण छिपाते रहे हो अपना कुल
धारण करते रहे हो घर के मसलों पर चुप्पी
अजनबीपन जीने का कौशल बनाना पड़ा हो

बहन तलाशती रही हो
ममेरे फुफेरे भाईयों में अपनत्व
सदा शामिल रही हो
माँ बाप के औलाद वाले दुःख में बढ़ चढ़कर

ऐसे उपेक्षित बेकार समझें गए बच्चों से
जब दोस्ती की गई
यकीन मानिए वो कमाल के दोस्त साबित हुए
यारों के यार
आधी रात भी साथ खड़े होने को तैयार

उनसे किसी ने नही पूछा
उनके जीवन का खेद
असफलता का बोझ
और यूं ही बेवजह बर्बाद होने का सबब

जब एकदिन मैंने पूछना चाहा किसी एक से
वो हंसकर टाल गया
जातें जातें उसने एक बात कही
जो फंसी रह गई मेरे दिल में
फांस की तरह

'कुछ क्यों ऐसे होते है जिनका कोई जवाब नही होता है'।

© डॉ.अजित

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