Monday, July 3, 2017

सलाह

वो कहती दुनिया की बातों को
दिल पर न लिया करो
दुनिया का काम है कहना
सबकी सुनोगे तो
जीना मुश्किल हो जाएगा
वो मेरा जीना आसान करना चाहती थी
मगर नही तलाश पाई एक मुकम्मल तरीका
फिर यूं हुआ
एकदिन वो खो गई भीड़ में

मैं उसकी बातें एक जगह संकलित कर रहा हूँ इनदिनों
उन बातों में सलाह है नसीहत है
और जगह-जगह दुबका हुआ प्यार है
उसकी चिंताओं की मैंने एक जिल्द बनाई है
जिसके अंदर उसकी सलाह रखी है

हालांकि उसकी एक सलाह नही मानी मैंने
मगर
उसकी सलाहों का एक गहरा मूल्य है मेरे जीवन में
जब किसी को सलाह देता हूँ मैं
एक वरक उसकी किताब का पढ़ लेता हूँ
और लूट लेता हूँ  श्रेय
एक बढ़िया सलाहकार होने का

कभी-कभी सोचता हूँ
अगर उसकी सलाह मान लेता मैं
तो क्या आज बढ़िया सलाहकार होता मैं?
शायद नही

अब, जब वो नही है
और मैं कर रहा हूँ सालाह का कारोबार
वो हंसती होगी मेरी चालाकी पर
जो उसके रहते नही सीख पाया मैं.


© डॉ.अजित 

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