Sunday, December 20, 2020

तस्वीरें

 जिन तस्वीरों में

मैं सुंदर दिखा हूँ 

वे अधिकांश 

उसके द्वारा खींची गई तस्वीरे थी


ऐसा नहीं है कि 

मेरी सभी तस्वीरे अच्छी थी

मगर जिन तस्वीरों में 

मेरी मुस्कान कृत्रिम नहीं दिखती 

वो सब उसके सामने खड़े होने का कमाल था


वो फ़ोटो अच्छे क्लिक करती थी

शायद उसके पास 

खूबसूरत दृष्टि थी 

वो बड़ी सावधानी से चुनती फोटो का एंगल


यदि मैं ले पाता एक 

तो उसके द्वारा मुझे एंगल समझाते हुए की

जरूर लेता एक फोटो


उसके द्वारा खींचे गए हर फोटो पर

एक कहानी लिखी जा सकती है

मगर मैं केवल लिख सका 

कुछ कविताएं 


इनदिनों जब मैं कविताएं 

लिखना भूल गया हूँ 

तो मैं खुद की उन तस्वीरों को देखकर

याद करता हूँ पीछे छूटी हुई कहानियां


मुझे ऐसा करते हुए को 

यदि कोई कर ले कैमरे में कैद 

उस फोटो को देखकर 

वो आदतन कहेगी

'तुम्हारा चेहरा फोटोजेनिक है

इसलिए अच्छी आ जाती है तस्वीर'


मैं इस जवाब पर मुस्कुरा रहा हूँ 

और लिख रहा हूँ 

एक नई कविता

जो कहानी की तरह पढ़ी जाएगी।


©डॉ. अजित

Wednesday, December 9, 2020

बात

 क्या तुम्हारे जीवन में

कोई अन्य स्त्री आ गयी है?

उसने अधिकार से पूछा


मैंने कहा शायद हाँ !


मुझे अच्छा लगता यदि

तुम हाँ से पहले शायद न लगाते

उसने थोड़ा तल्ख़ होकर कहा


और मुझे अच्छा लगता

यदि तुम पूछती

दूसरी स्त्री को देखकर क्या सोचते हो तुम

मैंने कहा


तुम क्या सोचते हो

यह पूछने की जरूरत नही मुझे 

तुम क्या महसूसते हो

यह जानना जरूरी है मेरे लिए

उसने कहा


तुम्हें सब पता है

बताने की जरूरत नही समझता मैं

मैंने कहा


सब पता होने का एक मतलब

कुछ भी पता न होना भी होता है

उसने इतना कहकर 

समाप्त की एक औपचारिक बात।


©डॉ. अजित