Friday, December 9, 2022

असंगत

 खूबसूरत लड़की को मिले

सबसे कमजोर डरपोक प्रेमी

वे दुबके रहते अपनी खोल में

मिलते थे अपनी शर्तों पर 


सरल लड़की को मिले

सबसे जटिल प्रेमी 

पता न चलता वे किस बात पर

हो जाते थे अक्सर उदास 

सलाह देने पर मान जाते थे बुरा अक्सर 


समर्पित लड़की को मिले

सदैव अस्थिरमना प्रेमी 

वे कहते दरअसल हम प्रेम में नही हैं

यह मैत्री से बढ़कर प्रेम से कमतर कुछ है

इस तर्क पर निरुपाय होती रही लड़की


प्रेम में डूबी लड़की को मिले

किनारे बैठ कविताएं लिखते प्रेमी

जिनके पास गहराई का अनुमान भर थे

वे नहीं जानते थे साथ भीगने का सुख 


ये लड़कियां उदास होकर करती थी

अपने ब्याह की तैयारियों का जिक्र 

ऐसे प्रेमी देने लगते थे 

गृहस्थ की उपयोगिता पर

पौराणिक ज्ञान

और किसी संत की भाँति लगभग देते आशीर्वाद

'सदा सुखी रहो तुम'

यह बात बहुत दुःख पहुंचाती थी


प्रेम दुस्साहस की करता था मांग

वे देते थे मध्यम मार्ग का बुद्ध ज्ञान

प्रेम कहता था जताना जरूरी है मुझे 

वे घिर रहते संकोच से,रहते थे सदा सावधान


प्रेम उन तक दस्तक देता था हर बार

मगर वे यह कहकर लौटा देते 

मैं सुपात्र नहीं हूँ प्रेम के लिए 

जबकि उनके लिए सर्वाधिक जरूरी था प्रेम


असंगत प्रेमियों से घिरी लड़कियां

उन्हें न छोड़ पाने के लिए थी अभिशप्त

उन्हें लगता था

प्रेम एकदिन सबको कर देता है रूपांतरित 

वे भूलकर सबकुछ करती थी केवल प्रेम


इतनी असंगता के बावजूद

ऐसे प्रेमी बचे रहे हमेशा दुनिया में

लड़कियां करती रही उनका चुनाव


ऐसा क्यों करती थी लड़कियां?

इसका जवाब नहीं दे सकती कोई भी लड़की

क्योंकि प्रेम ने उन्हें सिखा दी थी एकबात

कारण तलाशना 

प्रेम को खोना है सदा के लिए।


© डॉ. अजित