Sunday, August 20, 2017

रंग भेद

दवाई के पत्तों पर
बैंगनी स्याही में लिखी है
एक्सपायरी डेट
मैंने इंद्रधनुष में देखता हूँ
बैंगनी रंग
जो नज़र आता है बेहद गाढ़ा

मैं खींच कर कर देना चाहता हूँ इसे अलग
इसलिए पढ़ने लगता हूँ
कोई धार्मिक किताब

दवाई के पत्ते एक दिन
जहर बन जाते है
उस दिन की कोई नही करता प्रतिक्षा

जिंदगी का रंग
इन्द्रधनुष के रंग से मिलता जुलता है
मगर वो बैंगनी नही है
दवाई के पत्ते पर जो बैंगनी स्याही में छपा है
वो एक तारीख है
जिसके इस पार खड़े होकर
प्रार्थना की जा सकती है

यही प्रार्थना काम आएगी
जीवन के दुर्दन क्षणों में
जब रंग छोड़ने लगे हो साथ
दवा और आसमान के रंग से
मिलाकर बनाना होगा
एक वो नया रंग
जिसकी कोई एक्स्पायरी डेट ना हो.

© डॉ. अजित


No comments: