Monday, April 18, 2016

शुगर

मीठा जिसनें बनाया था
वो जरूर कड़वाहट कम करना चाहता होगा
इसके कोई प्रमाण नही मिलते
हो सकता है यह स्वाद की एक चाह भर रहा हो

तुम खुद कितना कड़वा बोलती थी
कड़वा दिल दुखाने वाला नही बल्कि
रास्ता दिखानें वाला
मुश्किलों को सुलझाने वाला
तुमनें ज्यादा मीठा खाया हो
इसकी कोई जानकारी नही
बावजूद इसके एकदिन
रेनबैक्सी की प्रयोगशाला ने बताया
तुम्हें तो मीठी बीमारी हो गई है

आरबीएस एफबीएस जांचना
आवश्यक जीवन कर्म बन गया तुम्हारा
ड्रेसिंग टेबल,बिस्तर के सिराहने
एक डब्बा एक्यू चैक का रहता हमेशा
गोया तुम्हारा श्रृंगारदान हो जैसे

जिन ऊंगलियों के पोरों से बहता था मनुहार
अब उनमें निडिल के निशान मिलते है
त्वचा का सम्वेदनहीन होना
मैंने देखा अपने सामनें
नही करती अब तुम उफ़ भी
दर्द का अहसास यूं मिटना
आंसूओं के सूखने से कम खतरनाक नही होता

कहते है शुगर का कोई नही इलाज़
ये मेटाबोलिज़्म से जुड़ी बीमारी है
कुछ कुछ जीवन शैली कुछ कुछ आनुवांशिकी
जिम्मेदार है इसके लिए
पता नही इन कथनों में कितनी वैज्ञानिक सच्चाई है
मगर ये बात सच है
ये कोई बीमारी नही है ये दरअसल एक घुन है
जो रोज़ अंदर से चाटकर करता है खतम
जीवन की मिठास

बतौर स्त्री इसनें तुम्हारी मुश्किलों में
कितना इजाफा किया
ये बात तुमसे ज्यादा मैं जानता हूँ
कभी भूख का ज्यादा लग जाना
कभी भूख का बिलकुल मर जाना
सीधे चलतें हुए उलटे चक्कर आना
देह की संधियों का चटख कर थम जाना
अनमना होते हुए भी बारहा मुस्कुराना
सुबह जल्दी उठते उठते भी देर हो जाना
खुद से रोज़ एक लड़ाई लड़ना
और रोज़ ही एक लड़ाई हार जाना
न चाहते हुए भी कोई जख़्म हो जाना
उसको भरते भरते मुद्दत बीत जाना

डायबिटिक जब से तुम्हारा मेडिकल स्टेट्स बना
तब से देखता हूँ
रोज़ तुम्हें अतिरिक्त सावधान
दवाई को मानने लगी तुम
मुझसे बढ़िया मित्र

सच कहूँ अब तुम्हारे सामनें मीठी चाय पीते
घिरा रहता हूँ अजब सी बैचैनी से
इन्सुलिन का कॉम्बो पैक घूमता रहता है मेरे सामनें
मीठे को लेकर नही कर पाता कोई मजाक तुम्हारे साथ

कविता की भाषा में कहूँ तो
तुम्हें शुगर क्या हुआ
मेरी मिठास ही विदा हो गई सदा के लिए
चिढ़ हो गई है अब हर मीठी बात से
कड़वा बोलता हूँ
कड़वा जीता हूँ
कड़वा दिखता हूँ

जैसे, मीठी बीमारी के बाद
तुम रोज़ सरक रही हो उस अजनबी दुनिया में
जहां मिठास का मतलब मिठास नही।

© डॉ. अजित

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