हमारी
कुछ बातें
हमेशा
अधूरी ही रही
हम
निष्कर्षों को टालते रहते
अधूरेपन
के साथ जीना आसान था
निष्कर्षों
के साथ मुश्किल
अधूरी
बातें उम्मीद जगाती थी
और
पूरी बातें हमेशा के लिए खो जाती थी
उसके
हाथों की लकीरों में
कुछ
ऐसी मारकाट थी
जैसे
किसी युद्ध का अमूर्त चित्र ईश्वर ने
संरक्षित
कर दिया हो उसकी हथेली पर
उसका
हाथ देखते हुए
होती
थी दुनिया से युद्ध लड़ने की हर बार
मगर
वो हमेशा देखती मेरा हाथ
लेती
मेरी रेखाओं की प्रतिलिपि
अपने
माथे पर
ऐसे
करते हुए उसकी आँखों में पढ़ी
जा
सकती थी एक बात
वही
बातें अधूरी अच्छी लगती है
जो
पूरी हो सकती हो मगर
न
की गई हो पूरी.
©
डॉ. अजित