मैं जीत नही पाया
इसका यह अर्थ कतई नही है
मैं हार गया हूँ
दरअसल
मैं जीत नही पाया
ये एक मुकम्मल कथन है
हार की बात
जीतेने वालों नही करनी चाहिए
और आदतन
हारने वाला तो कभी नही करता
हार के औचित्य को
जीत की अनिच्छा से
नही ढ़का जा सकता यह सच है
हार-जीत के मध्य एक कोना है
जहां सच,सच नही लगता
और झूठ, झूठ नही लगता
वहां से सम्बोधित किया जा सकता है
सही गलत के लंबित पड़े मुकदमों के अभियुक्तों को
फिलहाल,वही कर रहा हूँ मैं।
©डॉ. अजित
इसका यह अर्थ कतई नही है
मैं हार गया हूँ
दरअसल
मैं जीत नही पाया
ये एक मुकम्मल कथन है
हार की बात
जीतेने वालों नही करनी चाहिए
और आदतन
हारने वाला तो कभी नही करता
हार के औचित्य को
जीत की अनिच्छा से
नही ढ़का जा सकता यह सच है
हार-जीत के मध्य एक कोना है
जहां सच,सच नही लगता
और झूठ, झूठ नही लगता
वहां से सम्बोधित किया जा सकता है
सही गलत के लंबित पड़े मुकदमों के अभियुक्तों को
फिलहाल,वही कर रहा हूँ मैं।
©डॉ. अजित
1 comment:
सुन्दर रचना
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