जब भी कोई निराश होता है
वो खुद के पास होता है
तन्हा रहना उसकी शीरत
जो सबका खास होता है
हौसला तभी देंते है सब
खुदा जब साथ होता है
मंजिल अनेक रास्ता एक
सफर बेहद उदास होता है
जरुरतें सिमट आई इतनी
हर दिन इंकलाब होता है
डॉ.अजीत
वो खुद के पास होता है
तन्हा रहना उसकी शीरत
जो सबका खास होता है
हौसला तभी देंते है सब
खुदा जब साथ होता है
मंजिल अनेक रास्ता एक
सफर बेहद उदास होता है
जरुरतें सिमट आई इतनी
हर दिन इंकलाब होता है
डॉ.अजीत
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