वहां कोई मार्ग नहीं था
मार्ग तलाशने की एक
उत्कट अभिलाषा थी
वो कोई व्यक्ति नहीं था
मगर दो व्यक्ति यह दावा करते
कि वहाँ कोई तीसरा भी है
वहां स्मृतियाँ थी उलझी हुई
जिसे सुलझा कर नहीं दिया का सकता था
एक अनुरागी अतीत का नाम
वहाँ जो भी था
उसे देखने के लिए
अलग-अलग तरीके थे
उन तरीको को देख
कही जा सकती थी एक ही बात
यह भी कोई तरीका हुआ भला
यह बात कहने वाले
वहां के नहीं यहां के लोग थे
ये थी जरूर एक अच्छी बात।
©डॉ. अजित
2 comments:
वाह, बहुत सुंदर
सुन्दर
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