Thursday, May 5, 2022

वहाँ

 वहां कोई मार्ग नहीं था

मार्ग तलाशने की एक

उत्कट अभिलाषा थी


वो कोई व्यक्ति नहीं था

मगर दो व्यक्ति यह दावा करते

कि वहाँ कोई तीसरा भी है


वहां स्मृतियाँ थी उलझी हुई

जिसे सुलझा कर नहीं दिया का सकता था

एक अनुरागी अतीत का नाम 


वहाँ जो भी था 

उसे देखने के लिए

अलग-अलग तरीके थे 


उन तरीको को देख 

कही जा सकती थी एक ही बात

यह भी कोई तरीका हुआ भला


यह बात कहने वाले 

वहां के नहीं यहां के लोग थे

ये थी जरूर एक अच्छी बात।


©डॉ. अजित

2 comments:

Onkar said...

वाह, बहुत सुंदर

सुशील कुमार जोशी said...

सुन्दर