उसके लिए मैं
विकल्प था
मगर
मुझे वो लगी सदा
एक संकल्प की तरह
उसका खोना तयशुदा था
मगर
ये डर कम न पाया
लेशमात्र भी प्यार
वो मिली थी एक संयोग से
जिसे देख कहा जा सकता था
ज़िन्दगी खूबसूरत है
वो बिछड़ेगी भी
एक संयोग से
जिसे देख
कुछ नहीं कहा जा सकता
विकल्प और संकल्प के मध्य
बसता था ढेर सारा अपनत्व से भरा जीवन
जिसे महसूसते हुए
गिनी जा सकती थी
एक-एक सांस
और कही जा सकती थी
एक ही बात
ज़िन्दगी खूबसूरत है
उसके बाद भी कही जा सकती है
एक बात
पूरे आत्मविश्वास के साथ
उसका कभी नहीं हो सकता
कोई विकल्प।
©डॉ. अजित
2 comments:
वाह
वाह, बहुत सुन्दर सृजन
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