Thursday, June 8, 2017

हार

मैं जीत नही पाया
इसका यह अर्थ कतई नही है
मैं हार गया हूँ

दरअसल
मैं जीत नही पाया
ये एक मुकम्मल कथन है

हार की बात
जीतेने वालों नही करनी चाहिए
और आदतन
हारने वाला  तो कभी नही करता

हार के औचित्य को
जीत की अनिच्छा से
नही ढ़का जा सकता यह सच है

हार-जीत के मध्य एक कोना है
जहां सच,सच नही लगता
और झूठ, झूठ नही लगता

वहां से सम्बोधित किया जा सकता है
सही गलत के लंबित पड़े मुकदमों के अभियुक्तों को

फिलहाल,वही कर रहा हूँ मैं।

©डॉ. अजित

1 comment:

Onkar said...

सुन्दर रचना