तुम आज तक कभी
मेरे सपने में नहीं आई
इसका एक अर्थ यह भी
निकाला जा सकता है कि
तुम्हारे साथ मेरी कोई वर्जना
या दबी हुई कामना नहीं जुड़ी है
मैंने शायद ही कभी यह चाहा हो कि
तुमसे मिलने जाना है मुझे फलां दिन
तुम मेरे जीवन में
एक आकस्मिकता की तरह घटित हुई
और उसके बाद हमने चलना शुरू किया
साथ-साथ
हमने लांघे कई बसन्त
बिना किसी रोमानी कल्पना के
हमें भीगें बेमौसमी बारिश में
अपनी गति को बिना बदले
हमने नहीं बनाया सुख का कोई यूटोपिया
हमने नहीं रचा दुःख का कोई भाईचारा
हमने औसत बातें की
परनिंदा में नहीं जगी
हमारी कभी दिलचस्पी
हम हँसते रहे अपनी ही बेवकूफियों पर अक्सर
नहीं पूछा एक दूसरे से क्या मुझसे प्रेम है तुम्हें?
तुम सपने में नहीं दिखी
इसका यह मतलब नहीं हुआ कि
तुमसे कोई सपना नहीं जुड़ा था मेरा
उस इकहरे सपने को देखने लायक
गहरी नींद नहीं थी मेरे पास
यह बात मैंने लिखी
ठीक उस वक्त जब मैंने
भोर में देखा एक सपना
जिसमें किसी ने बताया मुझे कि
तुम्हें लगातार सपने में दिखने लगा हूँ मैं।
©डॉ. अजित
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वाह
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