कभी यह सोचकर
एक अजीब सी बैचेनी होती है
कि
विकल्प संकल्प की बाधा है
या एक ऐसी युक्ति
जिस पर गाल बजाई की जा सके
आदमी का अपनी सुविधा के लिए
गढा हुआ एक बहाना भी हो सकता है
जिसके होने और न होने से
कोई खास फर्क नही पडता
फिर यदि मित्र का विकल्प शब्दकोश
पत्नि का प्रेमिका
और दूसरे सम्बन्धो का कुछ और
बन सकता है
या बनाया जा सकता है
तो फिर कोई असुविधा ही नही रही
सम्बन्धो में
यह एक भटकन भी तो सकती है
अपने आपसे
अपने को भुलाने का एक उपचारिक
प्रयास
अलझाईमर की बीमारी अगर
जवानी मे हो जाए
कुछ दिन के लिए और फिर ठीक हो जाए
तो विकल्पों के रोजगार करने
की जरुरत ही न पडे शायद
यादें खट्ठी-मिट्ठी होती है
लेकिन खटास का मैल मन से धुलता क्यों नही
इसका धोने का कोई डिटरजेंट
नही बन पाया आजतक
समानांतर जिन्दगी के पडाव
पल भर सुस्ताने की मोहलत नही देते
और अगर फुर्सत मिल भी जाए
तो वो लोग नही मिलते
जिनकी जिद पर हमने रचा है
अपने वैकल्पिक सम्बन्धों
का पूरा हरा-भरा संसार
यह सोचकर एक ठंडी सांस भरी जा सकती है
या रोया जा सकता एकांत मे
शराब पीकर
लेकिन इन सब प्रपंचो से
किसी को कोई फर्क नही पडताक्योंकि कोई हमारा विकल्प है
डा.अजीत
4 comments:
बहुत उम्दा!
Khubshurat hai
Khubshurat hai
समानान्तर जिन्दगी के पडाव पल भर सुस्ताने की मोहलत नही देते--- जीवन के एक सत्य को उजागर करती रचना ---- शायद इस रचना का भी कोई विकल्प नही। आभार।
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