जीसस के पैर में कांटा चुभ गया है
खून रिस रहा है
धरती पर लाल निशान बने है
जीसस के पदचिन्ह खून में दिख नही रहे है
दुनिया खून का पीछा करते हुए
स्वर्ग का पता नही जान पा रही है
जीसस पानी पर नही चलना चाहते
पानी उम्मीद की शक्ल में मौजूद है
अगर पानी लाल हो गया
पसीने से लथपथ लोगो को
नही नजर आएगा खुद का चेहरा
जीसस का खून बह रहा है
सलीब से मनुष्य ने हल बना लिया है
वो धरती को जोत रहा है
वो धरती को बंजर कर रहा है
जीसस रो नही सकते
उनके आंसू खून के स्रोत से जुड़े है
वो धरती पर घूम रहे है
उन्हें देख मनुष्य उपचार के बारे में नही
हथियार के बारे में सोचता है
जीसस उदास नही है
मनुष्य खुश नही है
खून अब तरल नही है
जीसस का पैर जब तक ठीक होगा
पूरी खत्म हो चुकी होगी लगभग
एक आहत सभ्यता।
©डॉ.अजित
खून रिस रहा है
धरती पर लाल निशान बने है
जीसस के पदचिन्ह खून में दिख नही रहे है
दुनिया खून का पीछा करते हुए
स्वर्ग का पता नही जान पा रही है
जीसस पानी पर नही चलना चाहते
पानी उम्मीद की शक्ल में मौजूद है
अगर पानी लाल हो गया
पसीने से लथपथ लोगो को
नही नजर आएगा खुद का चेहरा
जीसस का खून बह रहा है
सलीब से मनुष्य ने हल बना लिया है
वो धरती को जोत रहा है
वो धरती को बंजर कर रहा है
जीसस रो नही सकते
उनके आंसू खून के स्रोत से जुड़े है
वो धरती पर घूम रहे है
उन्हें देख मनुष्य उपचार के बारे में नही
हथियार के बारे में सोचता है
जीसस उदास नही है
मनुष्य खुश नही है
खून अब तरल नही है
जीसस का पैर जब तक ठीक होगा
पूरी खत्म हो चुकी होगी लगभग
एक आहत सभ्यता।
©डॉ.अजित
1 comment:
बहुत खूब ।
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