पहले कह देता था
अब कहता नही हूँ
मान लो आदमी हूँ
कोई खुदा नही हूँ
बेखबर हूँ थोड़ा सा
तुझसे जुदा नही हूँ
रो नही सकता अभी
खुद पे फ़िदा नही हूँ
बिछड़ नही सकता
तुमसे मिला नही हूँ
थोड़ी सी पीने दो
अभी खुला नही हूँ
© डॉ.अजित
अब कहता नही हूँ
मान लो आदमी हूँ
कोई खुदा नही हूँ
बेखबर हूँ थोड़ा सा
तुझसे जुदा नही हूँ
रो नही सकता अभी
खुद पे फ़िदा नही हूँ
बिछड़ नही सकता
तुमसे मिला नही हूँ
थोड़ी सी पीने दो
अभी खुला नही हूँ
© डॉ.अजित
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