इनदिनों मुझे उसकी कोई बात
अच्छी नही लगती
वो सलाह देती है तो
नसीहत जैसा महसूस होता है
वो उत्साह के साथ कुछ शेयर करती है तो
मैं अनमना होकर
चस्पा कर देता हूँ एक यांत्रिक स्माइल
फिल्मों,किताबों,यात्राओं को लेकर बोलता हूँ झूठ
बिलकुल निठल्ला हूँ
फिर भी अभिनय करता हूँ अति व्यस्त होने का
ये बात उसे भी ठीक ठीक पता है
अब पहले जैसा नही रहा हूँ मै
हैरत ये उसने ऐसा कभी कहा नही
वैसे जिस दिन वो कहेगी भी
उसका भी जवाब है मेरे पास
मैं दार्शनिक हो कहूँगा
आजकल खुद के साथ नही हूँ मैं
इस जवाब से उसे रत्ती भर फर्क न पड़ेगा
वो जानती है मेरी मासूमियत और चालाकी
वो जान लेगी मेरी तमाम अनिच्छाएं
उसका धैर्य किसी
विकल्पहीनता की उपज नही है
फिर भी वो कर सकती है मेरा
जन्म जन्मान्तर तक इंतजार
मैं उससे कह सकता हूँ
अपना सारा सच बे लाग लपेट के
वो इसे सुन सकती इसे एक घटना के तौर पर
वो मेरे बारे में कोई राय कायम नही करती
ये मेरे लिए अच्छी बात है
इनदिनों वो मुझे अनमना देख
गाहे बगाहे पूछ लेती है एक बात
सपनें आना अच्छी बात है या खराब
मैं कह देता हूँ
सपनें आना खराब है
और देखना अच्छी बात।
©डॉ. अजित
अच्छी नही लगती
वो सलाह देती है तो
नसीहत जैसा महसूस होता है
वो उत्साह के साथ कुछ शेयर करती है तो
मैं अनमना होकर
चस्पा कर देता हूँ एक यांत्रिक स्माइल
फिल्मों,किताबों,यात्राओं को लेकर बोलता हूँ झूठ
बिलकुल निठल्ला हूँ
फिर भी अभिनय करता हूँ अति व्यस्त होने का
ये बात उसे भी ठीक ठीक पता है
अब पहले जैसा नही रहा हूँ मै
हैरत ये उसने ऐसा कभी कहा नही
वैसे जिस दिन वो कहेगी भी
उसका भी जवाब है मेरे पास
मैं दार्शनिक हो कहूँगा
आजकल खुद के साथ नही हूँ मैं
इस जवाब से उसे रत्ती भर फर्क न पड़ेगा
वो जानती है मेरी मासूमियत और चालाकी
वो जान लेगी मेरी तमाम अनिच्छाएं
उसका धैर्य किसी
विकल्पहीनता की उपज नही है
फिर भी वो कर सकती है मेरा
जन्म जन्मान्तर तक इंतजार
मैं उससे कह सकता हूँ
अपना सारा सच बे लाग लपेट के
वो इसे सुन सकती इसे एक घटना के तौर पर
वो मेरे बारे में कोई राय कायम नही करती
ये मेरे लिए अच्छी बात है
इनदिनों वो मुझे अनमना देख
गाहे बगाहे पूछ लेती है एक बात
सपनें आना अच्छी बात है या खराब
मैं कह देता हूँ
सपनें आना खराब है
और देखना अच्छी बात।
©डॉ. अजित
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