Tuesday, July 25, 2017

क्रिया

हंसना एक क्रिया है
और रोना एक संज्ञा
मुस्कुराना फिर क्या है?
उसने पूछा
इस सवाल पर मैं
मुस्कुरा कर रह गया
उसने इस क्रिया को
मेरे व्यक्तित्व का विशेषण समझा।
***
नींद एक अवस्था है
और सपनें एक कल्पना
यथार्थ फिर क्या है?
उसने पूछा
मैनें उसके हाथ अपने हाथ मे लिए
और धीमे से कहा भरोसा।
***
मिलना एक सन्योग है
और बिछड़ना शाश्वत
अनुराग फिर क्या है?
उसने पूछा
मिलने और बिछड़ने के मध्यांतर पर टिका
एक पूर्णविराम
मैंने जवाब दिया
उसके पास दूसरा सवाल था
मगर उसने पूछा नही
मुझे यह रिश्तें का आदर लगा।
***
भूलना एक व्यव्यस्था है
और याद करना एक मजबूरी
याद आना फिर क्या है?
उसने पूछा
मैंने कहा
याद आना एक चेतावनी है
पूरी तरह किसी को भूलना
पूरी तरह किसी को याद रखना
तुम्हारे बस का नही।

© डॉ. अजित

4 comments:

सुशील कुमार जोशी said...

सुन्दर।

डॉ. दिलबागसिंह विर्क said...

आपकी इस प्रस्तुति का लिंक 27-7-2017 को चर्चा मंच पर चर्चा - 2679 में दिया जाएगा
धन्यवाद

गगन शर्मा, कुछ अलग सा said...

जिंदगी क्रिया-विशेषण बन कर रह गयी है !

Anamikaghatak said...

adbhut soch wa chitran