Monday, November 13, 2017

अच्छे लोग

अच्छे लोगों से जुड़ी स्मृतियां
बहुत छोटी होती है
जैसे ही वो होते है
अनुपस्थित
धीरे-धीरे
साथ छोड़ जाती है उनकी बातें

अच्छाईयां तो छोड़िए
बमुश्किल याद आता है उनका कोई ऐब
वो हमारे जीवन से
कुछ इस तरह से हो जाते है विलुप्त
जैसे खो जाती है कोई प्रिय चीज़

अच्छाई वैसे तो बहुत व्यक्तिगत विषय है
मगर अच्छे लोग धुल जाते है एकदिन
कपड़े के मैल की तरह
जीवन के उजास के पीछे
छूटे हुए मैल का हाथ होता है
मगर कोई जानता है यह लघु इतिहास

अच्छे लोगों में एक होती है खराबी
वो लौटकर नही मिलते दोबारा
जैसे वो आएं ही थे जाने के लिए
यहां जाने से मृत्यु का आशय मत निकालिएगा

अच्छे लोग कभी मरतें नही है
या हम नही जान पाते उनका मरना
बस अच्छे लोग चलें जाते है
एक दिन चुपचाप
यकायक।

©डॉ. अजित

1 comment:

सुशील कुमार जोशी said...

और जरा जल्दी चले जाते हैं । अच्छे लोग। बहुत सुन्दर।