एक
दोस्त नाराज़ है
कुछ
दोस्त नाराज़ है
सभी
दोस्त नाराज़ है
कोई
दोस्त नाराज़ नही है
ये
किसी प्रतियोगी परीक्षा का
तर्क
शक्ति के परीक्षण से जुड़ा प्रश्न नही है
बल्कि
ये जीवन से जुड़ा एक अहम सवाल है
मैं
इसे तर्क की नही
दिल
की दृष्टि से देखने की करता हूँ कोशिश
नाराजगी
जब आती है तर्क पर होकर सवार
तब
दिल हो जाता है एकदम लाचार
नाराजगी
एक घटना है
नाराजगी
एक निर्णय है
नाराजगी
एक पलायन है
नाराजगी
एक मनोदशा है
या
फिर
नाराजगी
एक अस्थायी वस्तु है
दरअसल,
नाराजगी कोई वस्तु नही है
इसलिए
नाराजगी की वजह होती है थोड़ी तरल
जो
बहती है बिना किसी ढ़लान के
नाराजगी
से बने गलियारे
भीगते
रहते है हर छ्टे छमाही
करके
अच्छी-बुरी बातें याद
दोस्तों
की बीच नाराजगी
कोई
नई बात नही होती
मगर
ये इतनी भी नई नही होती कि
जिसकी
बिलकुल न आए याद
नाराजगी
बने रहना प्रेम का प्रमाण है
और
नारजगी का टिके रहना
कर
देता है हर किस्म के प्रमाण को ध्वस्त
इसलिए
हमेशा रहती है अज्ञात
नाराज
दोस्त की नाराजगी की असल वजह.
©
डॉ. अजित
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