उसने कहा
यदि तुम होते
तो होते एक बेहद खराब प्रेमी
मैंने हंसते हुए
ये तो अच्छा ही हुआ
मैं नही हूँ प्रेमी
उसने थोड़ा उदास होकर कहा
इतना भी अच्छा नही है
तुम दोस्त हो
बस इसलिए लगता है अच्छा।
**
मैंने पूछा
दोस्त और प्रेमी में
क्या फर्क होता है तुम्हारे हिसाब से
उसने कहा
हिसाब-किताब में कमजोर हूँ मैं
बस इतना पता है
अगर नही होता कोई फर्क
तो फिर ये सवाल न करते तुम।
**
चाय पीने के बाद
कप को धोते समय मैंने कहा
चाय पीने के बाद
कितने अकेले हो जाते है कप
उसने कहा
हां !अकेला होना
उस हर चीज की नियति है
जिसे ज्यादा करीब ले आते है हम।
**
अचानक उसने पूछा
तुमनें आज तक
अपनी सबसे प्रिय चीज क्या खोई है?
मैंने कहा
ठीक-ठीक बता नही सकता
क्योंकि खोने बाद पता चला मुझे
ये चीज प्रिय थी मुझे
और तुमनें?मैंने उसका सवाल दोहराया
शायद तुम
मगर ये बात पहले से पता थी मुझे
उसनें हंसते हुए जवाब दिया।
©डॉ. अजित
यदि तुम होते
तो होते एक बेहद खराब प्रेमी
मैंने हंसते हुए
ये तो अच्छा ही हुआ
मैं नही हूँ प्रेमी
उसने थोड़ा उदास होकर कहा
इतना भी अच्छा नही है
तुम दोस्त हो
बस इसलिए लगता है अच्छा।
**
मैंने पूछा
दोस्त और प्रेमी में
क्या फर्क होता है तुम्हारे हिसाब से
उसने कहा
हिसाब-किताब में कमजोर हूँ मैं
बस इतना पता है
अगर नही होता कोई फर्क
तो फिर ये सवाल न करते तुम।
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चाय पीने के बाद
कप को धोते समय मैंने कहा
चाय पीने के बाद
कितने अकेले हो जाते है कप
उसने कहा
हां !अकेला होना
उस हर चीज की नियति है
जिसे ज्यादा करीब ले आते है हम।
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अचानक उसने पूछा
तुमनें आज तक
अपनी सबसे प्रिय चीज क्या खोई है?
मैंने कहा
ठीक-ठीक बता नही सकता
क्योंकि खोने बाद पता चला मुझे
ये चीज प्रिय थी मुझे
और तुमनें?मैंने उसका सवाल दोहराया
शायद तुम
मगर ये बात पहले से पता थी मुझे
उसनें हंसते हुए जवाब दिया।
©डॉ. अजित
3 comments:
दिमाग की बत्ती जलाती बहुत अच्छी खरी-खरी बातें
सुन्दर
बहुत सुन्दर
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