Wednesday, July 7, 2010

सबक

हौसलों की बात करते रहे

बुझदिलो की महफिल मे सजते रहे

हम वो चराग है अपनी महफिल के

जो उजालो मे भी जलते रहे

बुझना तो चाहा कई बार

मगर कुछ मरासिम हसरतो मे पलते रहे

बुलन्दी का नशा होता तो कैसे होता

जिन्दगी किराये का घर था बदलते रहे

लबो पे हँसी आई तो टिक न सकी

आँसू पलको तले पलते रहे

अदब न समझ मे आया दूनिया का

तहजीब सीखाने वाले अब हद मे रहे

न अब दोस्ती किसी से न अदावत

न कोई शिकवा न शिकायत

सबक यही मिला हँसी से कही बेहतर है

याद बनकर किसी के चश्मेतर मे रहे...।

डा.अजीत

11 comments:

Sunil Kumar said...

दिल की गहराई से लिखी गयी एक सुंदर अल्फाजों के साथ इंसाफ किया है, शुभकामनायें रचना

Mukesh said...

vastav mai kabil-e-tareef keha hai.

सँधू हरदीप said...

हम वो चराग है अपनी महफिल के
जो उजालो मे भी जलते रहे ....
वाह अजीत भाई....

क्या बात कही है आप ने...

कभी समय निकाल कर 'हिन्दी हाइकु' बलॉग आइगा ।
हरदीप सँधू
(शब्दों का उजाला)

ZEAL said...

सबक यही मिला हँसी से कही बेहतर है

याद बनकर किसी के चश्मेतर मे रहे...।

sahi farmaya aapne..sundar lagi aapki rachna !

पंकज मिश्रा said...

अजीत भाई। अच्छी पोस्ट शुभकामनायें ।

pawan lalchand said...

kya bhat hai Dr. ajeet bhaiji. lage raho aisi mahfilon ki khinchai karne mein jinhone is tarah barbad kiya tere kirdar ko...

kshama said...

हौसलों की बात करते रहे

बुझदिलो की महफिल मे सजते रहे

हम वो चराग है अपनी महफिल के

जो उजालो मे भी जलते रहे

बुझना तो चाहा कई बार

मगर कुछ मरासिम हसरतो मे पलते रहे

बुलन्दी का नशा होता तो कैसे होता

जिन्दगी किराये का घर था बदलते रहे
Baat to yahin mukammal ho gayi!!
Bade dinon se aapke blog pe aanaa chaah rahi thi...aaj aahi gayi.Purkashish likhte hain aap!

Parul kanani said...

bahut khoob sir ji!

Urmi said...

बहुत बढ़िया लिखा है आपने! उम्दा प्रस्तुती!

Sheel Gurjar said...

आपको बधाई हो भाई..!!
सिर्फ यह रचना ही नहीं आपका पूरा ब्लॉग ही मुझे बहुत पसंद आया. वैसे अभी पूरा पढ़ नहीं पाया पर जितना पढ़ा उतना ही काफी था थकान मिटाने के लिए और रि-फ्रेश होने के लिए. आपका सेंस ऑफ ह्यूमर भी तारीफ़ के काबिल है. Please keep it up bhai ...!!

Apanatva said...

mai soch rahee hoo aap itana accha likhate hai...par comments aajkal kum kyo?

aap doosaro ke blogs par comment chodate hai na?

i am really impressed with your blog.

i am a grandma now so not getting eneough time these days but w'd love to catch up with all of your writings .
all the best.