दवाई
के पत्तों पर
बैंगनी
स्याही में लिखी है
एक्सपायरी
डेट
मैंने
इंद्रधनुष में देखता हूँ
बैंगनी
रंग
जो
नज़र आता है बेहद गाढ़ा
मैं
खींच कर कर देना चाहता हूँ इसे अलग
इसलिए
पढ़ने लगता हूँ
कोई
धार्मिक किताब
दवाई
के पत्ते एक दिन
जहर
बन जाते है
उस
दिन की कोई नही करता प्रतिक्षा
जिंदगी
का रंग
इन्द्रधनुष
के रंग से मिलता जुलता है
मगर
वो बैंगनी नही है
दवाई
के पत्ते पर जो बैंगनी स्याही में छपा है
वो
एक तारीख है
जिसके
इस पार खड़े होकर
प्रार्थना
की जा सकती है
यही
प्रार्थना काम आएगी
जीवन
के दुर्दन क्षणों में
जब
रंग छोड़ने लगे हो साथ
दवा
और आसमान के रंग से
मिलाकर
बनाना होगा
एक
वो नया रंग
जिसकी
कोई एक्स्पायरी डेट ना हो.
©
डॉ. अजित
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