दीपा के नाम
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दीपा
मेरे साथ तीसरी कक्षा में पढ़ती थी
हम
पांचवी तक साथ पढ़ें
उसके
बाद दीपा कितनी पढ़ी
मुझे
याद नही
मैं
जरुर एमए पीएच.डी कर गया
दीपा
से मेरी दोस्ती नही थी
तब
लड़के और लड़की दोस्त नही होते थे
हम
सहपाठी थे
मेरे
पास रेनोल्ड्स का एक पेन था
जो
मैंने अपने एक दूर के चाचा की जेब से चुराया था
दीपा
को वो पेन पसंद था
मगर
चूंकि मुझे भी वो उतना ही पसंद था
इसलिए
कभी मुझसे मांग नही पाई
वो
बचपन में एक दूसरे की पसंद का
ख्याल
रखने का दौर था
इसे
आप मित्रता का एक लक्षण समझ सकते है
दीपा
को मुझसे ज्यादा पहाडे याद थे
मेरी
अंग्रेजी दीपा से ठीक थी
एकदिन
मैंने दीपा से पूछा तेरह का पहाड़ा
उसके
जवाब में दीपा ने मुझे पूछी फ्रेंड की स्पेलिंग
हम
दोने के जवाब में थी कुछ गलतियां
मगर
हम संतुष्ट थे
बीस
साल से ज्यादा वक्त हो गया
दीपा
मुझे नही दिखी
मेरी
तरह वो भी अब होगी बाल बच्चोदार
कभी
कभी याद आती है दीपा
क्यों
आती है नही मालूम
दीपा
को भी याद आता होगा
अपना स्कूल का बचपन
यह
नही मालूम
मगर
दीपा नही भूली होगी
वो
रेनोल्ड का पेन
वो
उसको याद आता होगा किसी दिन सपने में
डराता
होगा उसे भेष बदल बदल कर
मैं
ये बात इतने विश्वास से इसलिए कह सकता हूँ
पिछले
कुछ दिनों से
दीपा
मुझे डरा रही है सपनों में
भेष
बदल-बदल कर
वो
हंसती है अब मेरी अंग्रेजी पर
और
सुनाती है पैंतीस का पहाड़ा
इतने
जोर से कि
मैं
उठ जाता हूँ सोता हुआ.
©डॉ.
अजित
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