मैं
सत्य से अवगत हुआ
तो
मेरे भ्रम और बढ़ गए
मुझे
लगा अभी बहुत कुछ अज्ञात है
उसको
जानकार
पता
चल सकता है
जीवन
का अंतिम सत्य
इस
जानने की प्रक्रिया में
सत्य
की परिभाषाएं
कई
बार बदली मेरे जीवन में
जानकारी
लगने लगी सूचनाएं
धारणाएं
लगने लगी पूर्वाग्रह
अज्ञानता
कोई महिमामंडित करनी की चीज नही है
मगर
ज्ञान और सत्य का नही तलाश पाया
कोई
सकारात्मक सह सम्बन्ध
सबके
थे अपने अपने सत्य
मैंने
सदा देखा अपने सत्य को संदेह की दृष्टि से
इसलिए
मैं जिस जिस से अवगत हुआ
उसको
लेकर मन में बना रहा हमेशा एक संशय
मैं
निष्कर्षों का विज्ञापन नही कर रहा हूँ
मगर
जीवन के हर निष्कर्ष का था
सत्य
से इतर एक मौलिक पाठ
जो
न झूठ था और न था सच
मैं
अपने अवगत होने को कर रहा हूँ खारिज
शायद
यह अकेली बात है
जो
खड़ी है सत्य के पक्ष में.
©डॉ.
अजित
4 comments:
कई बार सत्य ख़ुद के अंदर ही मिल पाता है ...
वही रोशनी है जो सन भ्रम दूर करती है ...
मार्मिक
1.सियासत की मण्डी फिर सज चुकी है
लोग खरीदे जायेंगे, जमीर बैचे जायेंगे हर तरह से
हर हाल मैं मैदान मारने की कोशिश की जायेगी
2.उसे इस बार भी खुदा पर भरोसा है अच्छी बारिश होगी
तो कुछ मालि हालत ठीक हो जायेगी अच्छे दिन ना सही लेकिन ठीक ठाक
दिन तो आ ही जायेंगे
1. मीडिया ने भी क़मर कस ली है हर तरह के दाव लगाये जा रहे है
घोषणाओं की बाढ़ आ चुकी है कहीं रेलियों का दौर है सारे शहर
पोस्टरोँ से पट गये हैं
2. अरी ओ... निमकी क्या हुआ क्यों दौडी चली आ रही है ?
अपनी बेटी को दोड़ता देख इसकी जान हलक मे आ चुकी थी
उसे पता था आजतक खुशियां कभी उसकी तरफ दौड़ कर नहीं आयी
बेटी ने कहा बापू.... छुटकू को बहूत बुखार है अम्मा रिक्शा लेने गयी है
1. नेता जी की रेली निकल चुकी है सारा शहर जैसे उमड़ पड़ा हो
गाड़ियों का काफिला है नेताजी ज़िन्दाबाद के नारे लगाये जा रहे है
शहर की हर सड़क आम लोगों के लिये बन्द कर दी गई है
2. वो अपने खैत खुदा के भरोसे छोड़ कर रिक्शा में बेटे को लेकर चल पडा
लेकिन जब तक नेताजी का क़फिला नहीं गुजर जाता तब तक उसे रस्ता नहीँ
मिलना था...कभी बैटे को देखता है कभी क़फिले को
छुटकू....अरे ओ छुटकू....देख अभी नेताजी का क़फिला निकलने ही वाला है लेकिन... बेटे का दम निकल चुका था
1. क़ाफिला काफी दूर निकल चुका था लेकिन
क़ाफिले के स्पीकर से निकली आवाज अभी भी गून्ज रही थी
की अगर हमारी सरकार आई तो हम गरीबों और किसानों के हित के लिये
काम करेंगे नेताजी ...........ज़िन्दाबाद ज़िन्दाबाद
सत्य बोध
सत्य बोध
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