डूब रहा था
एक सूरज
एक चाँद
धरती के सामनें
धरती देख रही थी
उसका डूबना
तारों की छांव में
धरती चुप थी
धरती तटस्थ थी
धरती साक्षी थी
डूबनें की मजबूरी देखनें की
खुद धरती मजबूर नही थी
धरती बोझ का आंकलन कर रही थी
इसलिए
सूरज चाँद से ज्यादा
उसे खुद की फ़िक्र थी।
© डॉ.अजीत
एक सूरज
एक चाँद
धरती के सामनें
धरती देख रही थी
उसका डूबना
तारों की छांव में
धरती चुप थी
धरती तटस्थ थी
धरती साक्षी थी
डूबनें की मजबूरी देखनें की
खुद धरती मजबूर नही थी
धरती बोझ का आंकलन कर रही थी
इसलिए
सूरज चाँद से ज्यादा
उसे खुद की फ़िक्र थी।
© डॉ.अजीत
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