पहाड़ पर आकर लगता है
सब सुखद
शायद इसलिए
पीछे छोड़ आतें है हम
अपेक्षाओं का संसार
सागर का तट
नदी का उदगम्
झरनें का निर्वाण स्थल
घनें जंगल
खत्म होते रास्तें
टूटी हुई पगडंडिया
बताते है हमें
लघु और दीर्घ की पीड़ाएं
पहाड़ का मतलब
महज ऊंचाई नही
पहाड़ का मतलब है
खुद के अंदर देख पाना
ऊंचाई
गहराई
और समतल
पहाड़ इसलिए दूर रहतें है हमसें
ताकि उनके साथ
खुद के करीब जा सकें हम।
© डॉ.अजीत
सब सुखद
शायद इसलिए
पीछे छोड़ आतें है हम
अपेक्षाओं का संसार
सागर का तट
नदी का उदगम्
झरनें का निर्वाण स्थल
घनें जंगल
खत्म होते रास्तें
टूटी हुई पगडंडिया
बताते है हमें
लघु और दीर्घ की पीड़ाएं
पहाड़ का मतलब
महज ऊंचाई नही
पहाड़ का मतलब है
खुद के अंदर देख पाना
ऊंचाई
गहराई
और समतल
पहाड़ इसलिए दूर रहतें है हमसें
ताकि उनके साथ
खुद के करीब जा सकें हम।
© डॉ.अजीत
1 comment:
सुंदर ।
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