सबसे मुश्किल था
तुम्हारे जीवन में असुविधा की तरह
टंगा होना
मगर
अपने पाँव का काँटा
कभी नही निकाल पाते खुद
इसलिए पीठ कर ली तुम्हारी तरफ
तुम्हें भूल गया ऐसा कोई दावा नही मेरा
तुमनें मुझे याद रखा इसका भी नही पता
पता है तो बस एक बात
दूरियां उतनी ठीक होती है कि
इनकी आदत न पड़े
अगर एक बार पड़ जाती है तो फिर
कभी नही मिल पाते
दो बिछड़े हुए लोग।
©डॉ.अजित
तुम्हारे जीवन में असुविधा की तरह
टंगा होना
मगर
अपने पाँव का काँटा
कभी नही निकाल पाते खुद
इसलिए पीठ कर ली तुम्हारी तरफ
तुम्हें भूल गया ऐसा कोई दावा नही मेरा
तुमनें मुझे याद रखा इसका भी नही पता
पता है तो बस एक बात
दूरियां उतनी ठीक होती है कि
इनकी आदत न पड़े
अगर एक बार पड़ जाती है तो फिर
कभी नही मिल पाते
दो बिछड़े हुए लोग।
©डॉ.अजित
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