'सवाल ओ' जवाब वाया बातचीत'
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एक दिन मैंने पूछा
तुम्हारे जीवन का सबसे बड़ा दुःख क्या है
उसने कहा ज्ञात या अज्ञात
मैंने कहा अज्ञात
तब थोड़ी अनमनी होकर उसने कहा
तुम्हें पाना क्यों नही चाहती मैं !
***
एकदिन मैंने पूछा
तुम्हारे जीवन का सबसे बड़ा सुख क्या है
उसने कहा प्रकट या अप्रकट
मैंने अप्रकट
तब मुस्कुराते हुए उसनें कहा
बिना ख़ास कोशिश के तुम अचानक मिल गए।
***
उसनें अचानक एकदिन पूछा
तुम जिंदगी से क्या चाहते हो
मैंने कहा कुछ ख़ास नही
ये अच्छी बात है क्योंकि
खुद को बेहद आम समझती हूँ मैं।
***
उसनें एकदिन कहा
अच्छा एक बात बताओं
मेरा तुम्हारे जीवन में विकल्प हूँ या संकल्प
मैंने कहा इस तरह सोचा नही कभी
इस पर खुश होते हुए उसनें कहा
सोचना भी मत कभी
दोनों इंसान को कमजोर करते है
तुम्हें कमजोर देखना
मैं कभी नही चाहती।
© डॉ.अजित
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एक दिन मैंने पूछा
तुम्हारे जीवन का सबसे बड़ा दुःख क्या है
उसने कहा ज्ञात या अज्ञात
मैंने कहा अज्ञात
तब थोड़ी अनमनी होकर उसने कहा
तुम्हें पाना क्यों नही चाहती मैं !
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एकदिन मैंने पूछा
तुम्हारे जीवन का सबसे बड़ा सुख क्या है
उसने कहा प्रकट या अप्रकट
मैंने अप्रकट
तब मुस्कुराते हुए उसनें कहा
बिना ख़ास कोशिश के तुम अचानक मिल गए।
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उसनें अचानक एकदिन पूछा
तुम जिंदगी से क्या चाहते हो
मैंने कहा कुछ ख़ास नही
ये अच्छी बात है क्योंकि
खुद को बेहद आम समझती हूँ मैं।
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उसनें एकदिन कहा
अच्छा एक बात बताओं
मेरा तुम्हारे जीवन में विकल्प हूँ या संकल्प
मैंने कहा इस तरह सोचा नही कभी
इस पर खुश होते हुए उसनें कहा
सोचना भी मत कभी
दोनों इंसान को कमजोर करते है
तुम्हें कमजोर देखना
मैं कभी नही चाहती।
© डॉ.अजित
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