दुःख का आयतन
मांपने के लिए
सुख का वर्गमूल निकालना पड़ता है
फिर जो बचता है शेष
उसे हम नियति कह सकते है
कहनें को तो
सुख को दुःख और
दुःख को सुख भी कहतें है लोग।
***
दुःख और सुख
एक साथ उच्चारित करनें से
कुछ दशमलव कम हो जाता है दुःख
ये गणित का नही
जीवन और उम्मीद का सूत्र है।
***
दो तिहाई दुःख में
एक तिहाई सुख जोड़ो
जिंदगी ने एक सवाल दिया
हल करनें के लिए
आज तक
मेरी स्लेट कोरी है।
***
दुःख का गणित
सुख के मनोविज्ञान को नही समझता
दुःख दरअसल एक दर्शन है
और सुख एक विषय
दुःख और सुख
साथ-साथ नही
आगे पीछे पढ़ाते है अपना पाठ।
***
दुःख विषम होता है
और सुख सम
दोनों के भिन्न आपसे में
नही जोड़े जा सकते
किसी भी समीकरण में
दुःख इसलिए भी होता है
सुख से अधिक जटिल।
***
दुःख की प्रमेय
सिद्ध करनें के लिए
सुख के सूत्र काम नही आते
दुःख हर बार गढ़ता है
नई प्रमेय
नए सूत्र
इसलिए भी दुःख का गणित
नही हो पाता कभी प्रकाशित।
***
दुःख का भूगोल
और सुख का अर्थशास्त्र
यह देखनें में मदद करता है
मनुष्य किस अक्षांश पर स्थित है
और उसकी सकल खुशी दर क्या है
इन्हीं के सहारे ईश्वर
हंस सकता है
यदा-कदा।
© डॉ. अजीत
मांपने के लिए
सुख का वर्गमूल निकालना पड़ता है
फिर जो बचता है शेष
उसे हम नियति कह सकते है
कहनें को तो
सुख को दुःख और
दुःख को सुख भी कहतें है लोग।
***
दुःख और सुख
एक साथ उच्चारित करनें से
कुछ दशमलव कम हो जाता है दुःख
ये गणित का नही
जीवन और उम्मीद का सूत्र है।
***
दो तिहाई दुःख में
एक तिहाई सुख जोड़ो
जिंदगी ने एक सवाल दिया
हल करनें के लिए
आज तक
मेरी स्लेट कोरी है।
***
दुःख का गणित
सुख के मनोविज्ञान को नही समझता
दुःख दरअसल एक दर्शन है
और सुख एक विषय
दुःख और सुख
साथ-साथ नही
आगे पीछे पढ़ाते है अपना पाठ।
***
दुःख विषम होता है
और सुख सम
दोनों के भिन्न आपसे में
नही जोड़े जा सकते
किसी भी समीकरण में
दुःख इसलिए भी होता है
सुख से अधिक जटिल।
***
दुःख की प्रमेय
सिद्ध करनें के लिए
सुख के सूत्र काम नही आते
दुःख हर बार गढ़ता है
नई प्रमेय
नए सूत्र
इसलिए भी दुःख का गणित
नही हो पाता कभी प्रकाशित।
***
दुःख का भूगोल
और सुख का अर्थशास्त्र
यह देखनें में मदद करता है
मनुष्य किस अक्षांश पर स्थित है
और उसकी सकल खुशी दर क्या है
इन्हीं के सहारे ईश्वर
हंस सकता है
यदा-कदा।
© डॉ. अजीत
1 comment:
क्या खूब है ये सुख दुख का गणित।
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