Friday, December 12, 2014

गज़ल

कभी कमजोरी थी तुम अब ताकत बना लिया
दिल को आज  हमनें मुस्तकिल समझा लिया

दुनिया भर की हंसी में तुम्हें कहां तलाशते हम
घर की दीवार पर तेरा एक फोटो सजा लिया

रोशनी के सफर में अंधेरों से तुमने दोस्ती की
तुम्हें नजर आ जाएं इसलिए दिल जला लिया

तेरी महफ़िल में तन्हाई का किरदार मिला हमें
हर बार बहाना करके तुमनें हमको बुला लिया

कभी खुद को भी सता कर देखों एक लम्हा
हमारा दिल तो तुमनें जी भर के सता लिया

© डॉ. अजीत

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