पांच गलतफहमियां...
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पढ़ा है
इबोला जान लेकर रहता है
सम्भव है इसमें
वैज्ञानिक सच्चाई हो
अनुभव कहता है
अबोला जानलेवा होता है
मनोवैज्ञानिक सच है यह
भोगा है जिसे कई बार।
***
सुना है
वक्त हर जख्म भर देता है
मगर
कुछ जख्म बढ़ते वक्त के साथ
गहरे होते जाते है
वक्त उन्हें ताजा रखता है
मनुष्य को बैचैन देखना
वक्त का प्रिय शगल है।
***
देखा है
वक्त और इंसान को
बदलते हुए
बदलाव एक प्रक्रिया है
जिसकी गति संदिग्ध होती है
परन्तु
परिणाम निश्चित।
***
जाना है
तुम्हें अपना हिस्सा
इसलिए
तुम्हारा अधूरापन
मेरे एकांत का
छोटा भाई है
जो साथ लड़ते लड़ते
प्रेम करना सीखते है
अक्सर।
***
माना है
खुद को कमतर
तुम को बेहतर
इसलिए
दोष दिया/माफ़ किया
खुद को खुद ही
बिना तुम्हें बताए।
***
© डॉ. अजीत
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पढ़ा है
इबोला जान लेकर रहता है
सम्भव है इसमें
वैज्ञानिक सच्चाई हो
अनुभव कहता है
अबोला जानलेवा होता है
मनोवैज्ञानिक सच है यह
भोगा है जिसे कई बार।
***
सुना है
वक्त हर जख्म भर देता है
मगर
कुछ जख्म बढ़ते वक्त के साथ
गहरे होते जाते है
वक्त उन्हें ताजा रखता है
मनुष्य को बैचैन देखना
वक्त का प्रिय शगल है।
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देखा है
वक्त और इंसान को
बदलते हुए
बदलाव एक प्रक्रिया है
जिसकी गति संदिग्ध होती है
परन्तु
परिणाम निश्चित।
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जाना है
तुम्हें अपना हिस्सा
इसलिए
तुम्हारा अधूरापन
मेरे एकांत का
छोटा भाई है
जो साथ लड़ते लड़ते
प्रेम करना सीखते है
अक्सर।
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माना है
खुद को कमतर
तुम को बेहतर
इसलिए
दोष दिया/माफ़ किया
खुद को खुद ही
बिना तुम्हें बताए।
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© डॉ. अजीत
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